शब्दो की मर्यादा भूले आजम खान। दिया विवादित बयान
जया प्रदा पर आपत्तिजनक बयान देने के बाद आजम खान मुश्किल में घिर गए हैं. राष्ट्रीय महिला आयोग समाजावादी पार्टी के नेता को नोटिस भेजेगा और उनसे जवाब मांगेगा. आयोग आजम खान को नोटिस सोमवार को भेजेगा.
नई नहीं है ये जंग
आजम खान और जया प्रदा के बीच जारी ये जंग कोई नई नहीं है. साल 2018 में जब पद्मावत फिल्म को लेकर पूरे देश में शोर मचा हुआ था, तो जया प्रदा ने आजम खान की तुलना पद्मावत के किरदार खिलजी से की थी, जिसे फिल्म में बहुत ही क्रूर दर्शाया गया था.जया प्रदा के इस बयान का आजम खान ने भी अपने ही अंदाज में जवाब दिया था. आजम खान ने जया प्रदा कौन है पूछते हुए यहां तक कह दिया था कि वह नाचने-गाने वालों के मुंह नहीं लगा करते.
2009 में खुलकर सामने आई थी दुश्मनी
दोनों नेताओं की यह दुश्मनी 2009 के लोकसभा चुनाव में खुलकर सामने आई थी. भरी सभा में मंच से जया प्रदा के आंसू भी हर तरफ सुर्खियां बने थे. हालांकि, इससे पहले वो भी एक वक्त था जब आजम खान ने उनके लिए जमकर प्रचार किया था. अमर सिंह के कहने पर आजम खान ने ही 2004 में जया प्रदा को रामपुर से चुनाव लड़वाया. उनकी जीत भी सुनिश्चित की. लेकिन ये दोस्ती ज्यादा नहीं चली. यहां तक कि 2009 में आजम खान ने जया प्रदा की समाजवादी पार्टी से उम्मीदवारी का भी विरोध किया लेकिन उन्हें टिकट मिल गया. चुनाव में आजम खान ने उनका पुरजोर विरोध किया, बावजूद इसके जया प्रदा जीत गईं.
यहां से दोनों नेताओं की दूरियां और बढ़ गईं. यहां तक कि आजम खान ने खुद को समाजवादी पार्टी से भी अलग कर लिया और 17 मई 2009 को पार्टी के महासचिव पद से इस्तीफा दे दिया.
जल्द ही उनकी वापसी हो गई और 4 दिसंबर 2010 को पार्टी ने उनका निष्कासन रद्द करते हुए वापस बुला लिया. इसके बाद जया प्रदा को सपा से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया और 2014 का लोकसभा चुनाव उन्होंने राष्ट्रीय लोकदल से टिकट पर बिजनौर सीट से लड़ा, जिसमें वो हार गईं. अब जया प्रदा ने चुनाव से ठीक पहले बीजेपी का दामन थाम लिया है और वह रामपुर सीट से आजम खान के खिलाफ चुनाव लड़ रही हैं.
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